बड़े अरसे बाद मिला मैं किसी से,
मुलाक़ात हुई
बातचीत हुई
पर दूरियाँ बनी रही ।
एक उसकी कहानी
एक मेरी कहानी ,
दोनों में कितना अंतर
मैं जान न सका ।
एक समय था
जो न बोला वो भी मैं समझा ,
आज जो उसने बोला
मैं जान न सका ।
न जाने कौनसा मुखौटा
पहने हुए थी वो ,
आज वो चेहरा
मैं पहचान न सका ।
मिला तो कई बार था मैं उसे
लेकिन पता नहीं क्यों आज ,
मुलाक़ात कुछ अधूरी रह गई
कहानी कुछ अनसुनी रह गई ।
बड़े अरसे बाद मिला मैं किसी से
पर दूरियाँ बनी रहीं।